साल 2019 में बिहू पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। बिहू असम राज्य का बहुत ही प्रचलित त्यौहार है जो एक हारवेस्टिंग फेस्टिवल है। इस दिन लोग नहा धोकर भगवान की पूजा करते हैं और कई तरह के पकवान बनाते हैं। सबसे खास बात यह है कि बिहू के पर्व पर बनने वाले सभी पकवान नये अनाज से पकाए जाते हैं और फिर उन्हें भगवान को चढ़ाया जाता है। बिहू पर्व साल में तीन बार मनाया जाता है। पहला भोगाली बिहू या माघ बिहू होता है, दूसरा बोहाग बिहू या रोंगाली होता है और तीसरा कोंगाली बिहू होता है।
बिहू बहुत ही खुशी, उत्साह और हर्षोल्लास का पर्व है। इस पर्व को मनाने का महत्व फसलों से काटने से जोड़ा देखा जाता है। इस त्योहार में असम के लोग अपनी पारंपरिक पोषाक और आभूषण पहनकर बिहू डांस करते हैं। इस दिन असम के सभी लोग कच्ची हल्दी से नहाकर नए कपड़े पहन कर पूजा-पाठ करके दही चिवड़ा एवं नाना तरह के पेठा-लड्डू इत्यादि खाते हैं। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह एक दिन का नहीं, बल्कि सात दिनों का त्योहार है और इसके हर दिन का अलग अलग महत्व है।
इस अवसर पर बड़ों का आर्शीवाद लेना बड़ा शुभ माना जाता है। लोग अपने सगे संबंधियों को तोहफे और मिठाइयाँ बाँटते हैं। जगह-जगह मेलों का आयोजन होता है। भले ही बिहू असम राज्य का प्रचलित पर्व है, लेकिन आजकल इस काफी जगहों पर मनाया जाता है। बंगाली पंजिका के अनुसार माघ माह की प्रथम तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को भोगाली पर्व भी कहा जाता है। पौराणिक दृष्टि से बिहू पर्व अग्नि देव को समर्पित है। हालाँकि इस दिन भगवान इंद्र देव की भी आराधना की जाती है। ताकि फसलों के लिए अच्छी वर्षा हो सके।
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उम्मीद करते हैं कि माघ बिहू पर्व से जुड़ा हुआ यह लेख आपको पसंद आया होगा। बिहू पर्व के लिए आपको हमारी ओर से बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!