मकर संक्रांति 2020 दिनांक और महत्व

साल 2020 में मकर संक्रांति का त्यौहार सम्पूर्ण भारत वर्ष में 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति का ये पर्व हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र और लोकप्रिय माना जाता है जिसे सभी लोग हर्षोल्लास से मनाते हैं, इस त्यौहार को उत्तरायणी भी कहते हैं। इस त्यौहार के बाद ऋतु परिवर्तन होने लगता है जिसमें ये कहना उचित होगा कि रातें छोटी और दिन बड़े होतें हैं। इसी के साथ गर्मियों का आगाज भी होने लगता है। मकर संक्रांति के इस पर्व पर हर घर में पकवान बनते हैं और लोग इस त्यौहार को अपने-अपने तरीके से मनाते हैं जैसे, श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाते हैं और भगवान सूर्य की उपासना करते हैं, देश के दक्षिणी हिस्सों में इसे पोंगल के रूप में मनाया जाता है, पंजाब में इसे लोहड़ी और मघी के रूप में मनाया जाता है, जबकि गुजरात और राजस्थान में लोग इस मौके पर रंग-बिरंगी पतंगों को आकाश में उड़ाकर जश्न मनाते है।


मकर संक्रांति 2020 मुहूर्त नई दिल्ली, इंडिया के लिए
पुण्य काल मुहूर्त 07 :15 :14 से 12 :30 :00 तक
अवधि 5 घंटे 14 मिनट
महापुण्य काल मुहूर्त 07 :15 :14 से 09:15:14 तक
अवधि 2 घंटे 0 मिनट
संक्रांति पल 01:53:48

मकर संक्रांति 2020: धार्मिक महत्व

  • अगर मकर संक्रांति के धार्मिक महत्व के बारे में बात की जाए तो इस पर्व के पीछे कई कहानियाँ छिपी है जिनके बारे में बहुत से लोगों को मालूम नहीं है।
  • पौराणिक कथाओं और ग्रंथों के अनुसार अगर देखा जाए तो मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं।
  • इसके साथ साथ ये भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों को पराजित करके उनके सिरों को मंदार पर्वत में दबा दिया था।
  • इस त्यौहार को पिता और पुत्र के संबंधों में मजबूती और प्रेम का प्रतीक भी बताया गया है।
  • ये वही दिन है जब पहली बार गंगा समुद्र में जा मिली थी क्योंकि राजा भगीरथ ने इस दिन अपने पूर्वजों के लिए तर्पण किया था।

मकर संक्रांति 2020: इस पर्व से जुड़ी परम्पराएं

मकर संक्रांति के दिन मुख्य रूप से लोग अपने पाप धोनें के लिए गंगा स्नान करने जरुर जाते हैं। इस दिन गंगा में डुबकी लगाना बहुत शुभ माना है क्योंकि बुजुर्ग कहते हैं कि गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसकी आत्मा पवित्र हो जाती है। पौराणिक विवरण के अनुसार, उत्तरायण देवताओं का एक दिन एवं दक्षिणायन एक रात्रि मानी जाती है। मकर संक्रांति का ये पावन पर्व केवल धार्मिक या सांस्कृतिक द्रष्टि से ही महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाता है बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी छिपे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इस दिन सूर्य का ताप शीत के प्रकोप को कम करता है और गर्मी आने लगती हैं। इसलिए इस अवसर पर तिल गुड़ आदि गर्म चीजों का सेवन करना चाहिए ताकि हमारा शरीर किसी तरफ की बीमारी से पीड़ित ना हो।

मकर संक्रांति के अन्य नाम

आपको जानकर हैरानी होगी कि पंजाब और हरियाणा में इसे लोहड़ी, उत्तराखंड में इसे उत्तरायणी, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में इसे पोंगल के नाम से भी जाना जाता है। दिन रात मेहनत करके किसान जो अनाज उगाते हैं उसको इसी दिन सबसे पहले भगवान को चढ़ाकर उनका धन्यवाद अदा किया जाता है। इस दिन देश के विभिन्न राज्यों में लोग व्रत भी रखते हैं। इस त्यौहार की शोभा बढ़ाने के लिए विशेष रूप से मेले का आयोजन भी कराया जाता है। सबसे प्रसिद्द मेला प्रयागराज ( इलाहाबाद ) में आयोजित किया जाता है, इस मेले में शामिल होने लोग दूर दूर से आते हैं।

मकर संक्रांति 2020: वैज्ञानिक मत

केवल धार्मिक या सांस्कृतिक दृष्टि से ही नहीं मकर संक्रांति का त्यौहार महत्वपूर्ण होता है बल्कि इस दिन के पीछे एक बड़ा वैज्ञानिक महत्व भी जुड़ा हुआ है। वैज्ञानिक की मानें तो मकर संक्रांति वाले दिन सूर्य का ताप शीत के प्रकोप को कम करता है जिसके बाद से ही धीरे धीरे गर्मियाँ शुरू हो जाती है। इसलिए इस अवसर पर तिल गुड़ और आदि गर्म चीजें खाने की मान्यता है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से इस दिन घी-तेल, तिल-गुड़, गन्ना, धूप और गर्म पानी का सेवन बेहद शुभ माना जाता है।

हमारी ओर से आप सभी को मकर संक्रांति 2020 की ढेर सारी शुभकामनाएं !