नवरात्रि 2020: नवरात्रि हिंदुओं के सबसे पवित्र व प्रसिद्ध त्यौहारों में से एक है। नवरात्रि में माँ दुर्गा व उनके नौं रुपों की पूजा अर्चना की जाती है। यह पर्व विशेष रूप से साल में दो बार आता है जिसे चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि कहते है। इस दौरान व्रत रखकर माँ के प्रति श्रद्धा, भक्ति और विश्वास प्रकट किया जाता है। व्रत रखने के पीछे शारीरिक और वैज्ञानिक कारण भी है ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति रोज़ाना तरह तरह के भोजन करता है जिसमें खट्टा, तीखा, मीठा सभी तरीके का भोजन शामिल होता है। इससे शरीर को कई तरह के नुकसान भी झेलने पड़ते हैं और कभी भी शरीर के भीतरी अंगों को आराम व सफाई करने का मौका नहीं मिलता। ऐसे में व्रत रखकर कुछ समय के लिए आंतरिक अंगों को अपना काम सुचारु रूप से करने के लिए समय दिया जाता है जिससे वह शरीर के भीतर जमे हानिकारक तत्व बाहर निकल सके। इसलिए नवरात्रों के दौरान खासतौर से देवी की पूजा अर्चना के साथ ही नौ दिनों का व्रत भी रखा जाता है जिसमें लोग विशेष रूप से सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं।
हिन्दू धर्म के सभी प्रमुख त्योहारों में से नवरात्रि के त्यौहार को विशेष महत्व दिया जाता है। जैसा की आप सभी जानते हैं की नवरात्रि में मुख्य रूप से नौ दिनों तक पूजा अर्चना का ख़ास महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इन नौ दिनों में माता दुर्गा की पूजा अर्चना करने से घर में खुशहाली, सुख- समृद्धि आती है और दुखों से निजात मिलता है। इसके साथ ही साथ इस दौरान मानसिक रूप से भी शांति मिलती है और ऐसा माना जाता है की इन नौ दिनों के दौरान परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। चैत्र नवरात्रि मार्च और अप्रैल माह में मनाई जाती है।
क्र। सं. | दिनांक | माता के नौ रूप | तिथि |
1. | 25 मार्च, 2020 | माँ शैलपुत्री | प्रतिपदा |
2. | 26 मार्च, 2020 | माँ ब्रह्मचारिणी | द्वितीया |
3. | 27 मार्च, 2020 | माँ चंद्रघण्टा | तृतीया |
4. | 28 मार्च, 2020 | माँ कूष्माण्डा | चतुर्थी |
5. | 29 मार्च, 2020 | माँ स्कंदमाता | पंचमी |
6. | 30 मार्च, 2020 | माँ कात्यायिनी | षष्ठी |
7. | 31 मार्च, 2020 | माँ कालरात्रि | सप्तमी |
8. | 1 अप्रैल, 2020 | माँ महागौरी | अष्टमी |
9. | 2 अप्रैल, 2020 | माँ सिद्धिदात्री | नवमी |
10. | 3 अप्रैल, 2020 | नवरात्रि पारणा | दशमी |
दिनांक | घटस्थापना मुहूर्त | अवधि |
25 मार्च, 2020 (बुधवार) | 06:18:56 से 07:17:12 तक | 58 मिनट |
नोट : दिया गया घटस्थापना मुहूर्त का समय नई दिल्ली, भारत के लिए है।
शरद नवरात्रि को हिंदू धर्म के लोग अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाते हैं। शारदीय नवरात्रि के बाद से ही शारद ऋतु का आरंभ होता है इसलिए भी इस नवरात्र को शारदीय नवरात्रि कहते हैं। नवरात्रि के इस पवन त्यौहार के दौरान भी सभी घरों में विशेष रूप से देवी के नौ रूपों की आराधना की जाती है और परिवार में सुख शान्ति बनी रहें इसकी लोग कामना करते हैं। इन नौ दिनों के अंतर्गत मुख्य रूप से देश के अलग-अलग राज्यों में इस पर्व को काफी धूम धाम के साथ मनाया जाता है। अधिकतर शुभ कार्यों को लोग इन नौ दिनों के अंतर्गत ही पूर्ण कर लेते हैं। नवरात्रि में माँ के जिन नौं रुपों की पूजा होती है वो हैं:- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा,स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।
क्र। सं. | दिनांक | माता के नौ रूप | तिथि |
1. | 17 अक्टूबर, 2020 | माँ शैलपुत्री | प्रतिपदा |
2. | 18 अक्टूबर, 2020 | माँ ब्रह्मचारिणी | द्वितीया |
3. | 19 अक्टूबर, 2020 | माँ चंद्रघण्टा | तृतीया |
4. | 20 अक्टूबर, 2020 | माँ कूष्माण्डा | चतुर्थी |
5. | 21 अक्टूबर, 2020 | माँ स्कंदमाता | पंचमी |
6. | 22 अक्टूबर, 2020 | माँ कात्यायिनी | षष्ठी |
7. | 23 अक्टूबर, 2020 | माँ कालरात्रि | सप्तमी |
8. | 24 अक्टूबर, 2020 | माँ महागौरी | अष्टमी |
9. | 25 अक्टूबर, 2020 | माँ सिद्धिदात्री | नवमी |
10. | 26 अक्टूबर, 2020 | पारणा एवं दुर्गा विसर्जन | दशमी |
दिनांक | घटस्थापना मुहूर्त | अवधि |
17 अक्टूबर, 2020 (शनिवार) | 06:23:24 से 10:11:57 तक | 3 घंटे 48 मिनट |
नोट : दिया गया घटस्थापना मुहूर्त का समय नई दिल्ली, भारत के लिए है।
आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि हमारे देश में हर त्यौहार को मानाने के पीछे कोई ना कोई ख़ास किस्सा जरूर जुड़ा होता है। इस पावन पर्व को मानने के पीछे भी एक बेहद ख़ास मान्यता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में एक महिषासुर नाम का क्रूर राक्षस हुआ करता था जिसके साथ देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक युद्ध कर अंत में उसका वध किया था। माना जाता है कि महिषासुर को ब्रह्मा जी ने वरदान दिया था कि उसे ना तो कोई देवता मार सकता है और ना ही कोई असुर, अगर किसी के हाथों उसका वध होगा तो वो सिर्फ एक स्त्री होगी। लिहाजा जब धरती और स्वर्ग लोक में इस असुर का दबदबा काफी बढ़ने लगा और आम इंसानों के साथ ही देवता भी इससे भयभीत रहने लगे तब जाकर दुर्गा माँ ने अवतार लिया और महिषासुर का वध किया। चूँकि ये युद्ध नौ दिनों तक चला था इसलिए इस त्यौहार को नौ दिनों तक मनाया जाता है और हर दिन देवी के अलग अलग रूप की पूजा की जाती है।
नवरात्रि के दौरान ऐसी मान्यता है कि इन दिनों की गई पूजा अर्चना का फल तभी मिल पाता है जब इसे पूरे विधि विधान के साथ किया जाए। नवऱात्रि के प्रथम दिन मुख्य रूप से घटनास्थापना के बाद ही शुभ मुहूर्त में पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। हालाँकि देश के विभिन्न राज्यों और शहरों में नवरात्रि के दौरान किये जाने वाले पूजा की विधि और तरीका अलग हो सकता है लेकिन शुरुआत होने का दिन एक ही रहता है। इस दौरान सभी मंदिरों में भी विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया जाता है। तथा आने जाने वाले सभी श्रद्धालुओं में देवी को अर्पित किया गया प्रसाद बांटा जाता है। नवरात्रि के दौरान पूजा करने से पहले खासतौर से कुछ बातों का ध्यान भी रखा जाना बेहद आवश्यक होता है।
हम उम्मीद करते हैं कि नवरात्रि से संबंधित हमारा ये लेख आपको पसंद आया होगा। हमारी ओर से आप सभी को नवरात्रि की ढेर सारी शुभकामनाएं !
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