वर्ष 2019 में होने वाला केतु का गोचर हमारे जीवन को प्रभावित करेगा। आइये केतु गोचर 2019 के माध्यम से जानते हैं केतु ग्रह का ज्योतिषीय महत्व और इसके राशि परिवर्तन के परिणामस्वरुप होने वाला असर। ज्योतिष में केतु ग्रह को पापी ग्रह की श्रेणी में रखा गया है। हालाँकि अन्य ग्रहों की तरह न तो इसका कोई वास्तविक आकार है और न ही इसे किसी राशि का स्वामित्व प्राप्त है। हालाँकि यह अश्विनी, मघा और मूल नक्षत्र का स्वामी है। मिथुन राशि केतु ग्रह की उच्च राशि है। इस राशि में केतु मजबूत स्थिति में होता है। वहीं धनु इसकी नीच राशि है और नीच राशि में ग्रह कमजोर अवस्था में होता है।
केतु ग्रह को वैराग्य, आध्यत्मिक ज्ञान, मोक्ष एवं तांत्रिक क्रियाओं का कारक माना जाता है। यह व्यक्ति को सांसारिक मोह माया से दूर ले जाता है और व्यक्ति के अंदर आध्यात्मिक ज्ञान के प्रति रूचि पैदा करता है। यदि कुंडली में केतु दुर्बल अथवा पीड़ित हो तो शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को पैदा करता है।
केतु ग्रह 7 मार्च 2019 की रात्रि में 2:48 बजे धनु राशि में गोचर प्रवेश करेगा और 23 सितंबर 2020 को सुबह 5:28 बजे धनु राशि से वृश्चिक राशि में जाएगा। केतु के इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर इस प्रकार होगा:-
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यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। जानें चंद्र राशि कैल्कुलेटर से अपनी चंद्र राशि
मेष राशि के जातकों के लिए इस साल केतु ग्रह समस्या कारक रह सकता है। इस दौरान आपको विभिन्न क्षेत्रों में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। केतु आपकी चंद्र राशि से नवम भाव में प्रवेश करेगा। ज्योतिष में नवम भाव से व्यक्ति के भाग्य, पिता, धर्म एवं गुरु के विषय में जाना जाता है। इस समय आपका भाग्य कमज़ोर रहेगा। आर्थिक क्षेत्र में आपको आशानुरूप परिणाम नहीं मिलेंगे। व्यवसाय में नुकसान होने की संभावना रहेगी। किसी व्यापार या प्रॉपर्टी में निवेश करने से बचें। धन के मामलों में किसी तरह की लापरवाही से आपको धन हानि हो सकती है। केतु ग्रह आपके विचारों पर प्रभाव डालेगा। इस समय आप रूढ़िवादी विचारों के हो सकते हैं। धर्म को लेकर भी आपके दो मत रहेंगे। पिताजी की सेहत का ख्याल रखें। क्योंकि इस समय उनकी सेहत ख़राब हो सकती है।
उपाय: काले तिल दान करें
वर्ष 2019 में केतु का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा। कुंडली का यह भाव व्यक्ति की बड़ी परेशानी, ख़तरा और दुर्घटना आदि के बारे में बताता है। इस भाव में केतु का होना आपके लिए शुभ नहीं है। इस समय आपको वाहन चलाते समय ध्यान रखना होगा। क्योंकि आपकी थोड़ी सी लापरवाही दुर्घटना का कारण बन सकती है। गोचर के दौरान आपको शारीरिक चोट लग सकती है। वहीं इस अवधि में आप मानसिक रूप से बेचैन रहेंगे। निजी समस्याएँ आपको मानसिक तनाव दे सकती हैं। गोचर के दौरान आपके स्वभाव में भी परिवर्तन देखने को मिलेगा। धार्मिक कार्यों में आप बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे और ऐसा करने से आपको आनंद आएगा। केतु आपके आर्थिक पक्ष को प्रभावित करेगा। आमदनी में कमी होने की संभावना है। ऐसे आपको अपने ख़र्चों में कमी करनी पड़ सकती है। दोस्तों अथवा सगे संबंधियों से विवाद हो सकता है। इस समय अपने क्रोध को शांत रखें।
उपाय: तिल का तेल दान करें।
2019 में केतु का गोचर आपकी राशि से सातवें भाव में होगा। सातवाँ भाव जीवनसाथी, वैवाहिक जीवन और पार्टनरशिप के बारे बताता है। इस समय आपको मिले जुले परिणाम मिलेंगे। केतु के इस गोचर का प्रभाव आपकी मैरिड लाइफ पर पड़ेगा। जीवनसाथी से मनमुटाव होने की संभावना है। हो सकता है लाइफ पार्टनर आपकी किसी बात से नाराज़ हो जाए। परंतु आपको जीवनसाथी की भावनाओं की कद्र करना होगा। यदि कोई बात बिगड़ जाए तो उसे बातचीत के माध्यम से सुलझाएँ। वहीं बिजनेस पार्टनरशिप पर भी गोचर का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। बिजनेस पार्टनर के साथ तालमेल बिगड़ सकता है। पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है। पारिवारिक मुद्दों को बातचीत के माध्यम से सुलझाने का प्रयास करें।
उपाय: गणेश की स्तुति करें और उन्हें दूर्वा (घास) घास चढाएं।
इस साल केतु आपकी राशि से छठे भाव में जाएगा। कुंडली का छठा भाव रोग, पीड़ा, शत्रु और ऋण आदि के बारे में बताता है। केतु आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। आपकी सेहत ख़राब हो सकती है। इस दौरान आपको न केवल अपनी सेहत पर ध्यान देना होगा। साथ ही अपने खान पान को लेकर सतर्कता बरतनी होगी। रोज़ाना योग व्यायाम करने से फिटनेस अच्छी रहेगी। वहीं आपको कार्यक्षेत्र में विभिन्न प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। यह आपके करियर और प्रोफेशन के लिए कठिन समय होगा। आर्थिक क्षेत्र में आपको प्रबंधन करना करना होगा। आय और व्यय के बीच तालमेल बनाकर चलें। इससे आपका बजट नियंत्रण में रहेगा।
उपाय: हनुमान जी की आराधना करें।
केतु आपकी राशि से पाँचवें भाव में जाएगा। कुंडली का पाँचवाँ भाव संतान, बुद्धि, प्रसिद्धि, प्रेम का बोध कराता है। इस भाव में केतु की उपस्थिति आपके लिए शुभ नहीं है। इस समय बौद्धिक रूप से आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। छात्रों को पढ़ाई में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। उनका पढ़ाई में कम मन लगेगा। भाग्य की बजाय अपनी मेहनत पर भरोसा रखें। गोचर के समय आपके मान-सम्मान में कमी आ सकती है। अपने कऱीबी लोगों से भी रिश्ते बिगड़ सकते हैं। इसलिए ऐसी स्थिति न आए आपको बड़े ध्यान से काम लेना होगा। साथियों से प्रेम पूर्वक बातचीत करें। अपनी सेहत का भी ख़्याल रखें। क्योंकि गोचर के दौरान आपकी सेहत कुछ कमज़ोर रह सकती है। ऐसा होने पर चिकित्सक की सलाह लें। प्रेम जीवन में भी चुनौतियाँ आएंगी जिन्हें आपको सावधानी पूर्वक उनका समाधान खोजना होगा। प्रियतम से ऐसी कोई भी बात न कहें जिससे उनके दिल को चोट पहुँचे।
उपाय: भैरव देव के मंदिर में काला ध्वज चढ़ाएं।
कन्या राशि के जातकों के लिए 2019 में होने वाला केतु का गोचर शुभ संकेत नहीं कर रहा है। केतु आपकी राशि से चौथे भाव में जाएगा। कुंडली का चौथा भाव माता, सुख-सुविधा, चल, अचल संपत्ति के बारे में बताता है। इस दौरान आपको अार्थिक क्षेत्र में धन हानि हो सकती है। इसलिए पैसों के लेन देन में बहुत ही सावधानी बरतें। आवश्यकता से अधिक किसी पर भरोसा न जताएँ। करियर में सफलता पाने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। माता जी की सेहत ख़राब हो सकती है। इसलिए ज़रुरी है कि उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखें। काम में व्यस्त रहने के कारण आप अपने परिवार को कम समय दे पाएंगे। लेकिन आपको अपने निजी एवं पेशेवर जीवन के बीच तालमेल बनाकर चलना होगा।
उपाय: नीले पुष्प दान करें।
केतु गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में होगा। कुंडली के तीसरे भाव से व्यक्ति के पराक्रम, शौर्य, छोटे भाई-बहन, मित्र को देखा जाता है। केतु के प्रभाव से आपके आत्म विश्वास और साहस में वृद्धि होगी। सेल्फ कॉन्फिडेंस से आपके व्यक्तित्व का विकास होगा। कार्यक्षेत्र से आपको अच्छी ख़बर मिलेगी। नौकरी में आपका प्रमोशन होगा या फिर आपको किसी अन्य कंपनी में जाने का सुनहरा अवसर प्राप्त होगा। आपकी कम्युनिकेशन स्किल बेहतर होगी और आपको पर्सनल लेवल पर इसका फायदा भी मिलेगा। यदि ज्यादा ज़रुरी न हो तो लंबी दूरी की यात्रा पर न जाएँ। हाँ छोटी दूरी की यात्रा से आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे।
उपाय: केतु बीज मंत्र का जाप करें “ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः”
केतु गोचर 2019 वृश्चिक राशि के जातकों के लिए समस्या कारक रह सकता है। केतु आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर करेगा। कुंडली का यह भाव व्यक्ति की आर्थिक स्थिति, प्रारंभिक शिक्षा, वाणी एवं नेत्र आदि के बारे में बताता है। इस समय आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इन चुनौतियों को सहर्ष स्वीकार करें और परिस्थितियों से डटकर मुकाबला करें। आर्थिक क्षेत्र में परिस्थितियाँ आपके अऩुकूल नहीं होगी। आपके ख़र्चों में वृद्धि होगी। अपने भाग्य के सहारे न बैठें बल्कि अपने मेहनत पर भरोसा जताएँ। करियर तथा व्यापार में आपको अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होगी। विपरीत परिस्थितियों में अपने धैर्य को बनाए रखें और अच्छे समय का इंतज़ार करें। इस बीच अपनी सेहत पर भी ध्यान दें।
उपाय: नीले पुष्प दान करें।
केतु का गोचर आपकी राशि में होगा। यह आपके पहले घर में स्थित होगा। कुंडली का पहला घर व्यक्ति के स्वभाव, प्रकृति, मान-सम्मान, शारीरिक संरचना एवं स्वास्थ्य आदि का बोध कराता है। इस समय आपको गोचर के कारण मिले जुले परिणाम मिलेंगे। इस समय केतु के प्रभाव से आप आध्यात्मिक विषयों पर अधिक रुचि ले सकते हैं। आध्यात्मिक बातें और आध्यात्मिक ज्ञान आपको अपनी ओर आकर्षित कर सकता है। पारिवारिक और सांसारिक जीवन में मन कम लगेगा। यदि आप शादीशुदा हैं तो जीवनसाथी से दूरी बढ़ने की संभावना है। उधर सेहत को लेकर आपको थोडा़ सचेत रहना पड़ेगा। सेहत के प्रति बरती गई लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है।
उपाय: महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
मकर राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर चुनौती पूर्ण रह सकता है। गोचर के दौरान केतु आपकी राशि से 12वें भाव में जाएगा। केतु का 12वाँ भाव जीवन में व्यय और हानि का बोध कराता है। इस समय आर्थिक फैसला लेते समय बड़ी सावधानी बरतनी होगी। अपने फिजूल के ख़र्चों लगाम लगाए। गोचर के दौरान आप किसी विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। अपनी सेहत के साथ-साथ अपने माता पिता के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें। कार्यक्षेत्र में अपने काम से काम रखें और ख़ुद को फालतू के मामलों में घसीटें। विधि के विरुद्ध कार्य करना आपको महँगा पड़ सकता है।
उपाय: विविध रंगों के कंबल दान करें।
केतु का यह गोचर आपके लिए ख़ुशियाँ लेकर आएगा। केतु का ग्यारहवें भाव में होना आपके लिए शुभ कारक है। इस दौरान आपकी आय में वृद्धि होगी। धन की बचत कर पाने में आप सफल रहेंगे। कई क्षेत्रों में आपको शुभ परिणाम मिलेंगे। करियर में सफलता मिलेगी। नौकरी में तरक्की होगी या कहीं अन्य कंपनी में सुनहरा अवसर मिलेगा। बॉस आपके कार्य को सराहएगा। यदि सरकारी क्षेत्र से संबंध रखते हैं तो उसमें भी सफल परिणाम मिलेंगे। पारिवारिक जीवन में ख़ुशियाँ आएंगी। घर में शादी-विवाह या अन्य प्रकार का समारोह हो सकता है। सेहत की दृष्टि से भी गोचर आपके अनुकूल है। यदि आप व्यापार से जुड़े हैं तो उसमें भी मुनाफ़ा होगा। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। छात्रों को पढ़ाई में मेहनत करने की आवश्यकता होगी।
उपाय: लहसुनिया रत्न धारण करें।
मीन राशि के जातकों के लिए यह गोचर समस्या पैदा कर सकता है। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार में भी घाटा हो सकता है। दोनों ही परिस्थिति में आपको आर्थिक नुकसान होने की संभावना है। दरअसल गोचर के दौरान केतु आपकी राशि से दसवें भाव में जाएगा। यह आपके कर्म का भाव होता है। केतु की इस भाव में उपस्थिति शुभ नहीं है। इससे आपके प्रोफेशन में दिक्कतें आ सकती हैं। आपको मानसिक तनाव की शिकायत भी रह सकती है। काम के चलते आप अधिक व्यस्त रहेंगे और ऐसी स्थिति में घर वालों को कम समय दे पाएंगे। उधर माता जी की सेहत भी गिर सकती है। इसलिए आपको उनका ख़्याल रखना होगा।
उपाय: तिल का तेल दान करें।