शुभ विवाह मुहूर्त 2019

विवाह मुहूर्त 2019 से जानें कुंडली मिलान और लग्न के अनुसार साल 2019 में कौन सी तारीख, तिथि और नक्षत्र में शादी करना आपके लिए रहेगा सबसे योग्य। एक कुशल वैवाहिक जीवन के लिए शुभ विवाह मुहूर्त में शादी करना बेहद आवश्यक माना जाता है।

शुभ विवाह मुहूर्त 2019

विवाह मुहूर्त 2019
दिनांक दिन तिथि नक्षत्र विवाह मुहूर्त की अवधि
15 जनवरी 2019 मंगलवार नवमी अश्विनी नक्षत्र में 07:15 - 13:56 बजे तक
17 जनवरी 2019 गुरुवार एकादशी रोहिणी नक्षत्र में 22:34 - 31:15 बजे तक
18 जनवरी 2019 शुक्रवार द्वादशी रोहिणी नक्षत्र में 07: 15 - 12:25 बजे तक
22 जनवरी 2019 मंगलवार द्वितीया मघा नक्षत्र में 24:20 - 31:14 बजे तक
23 जनवरी 2019 बुधवार तृतीया मघा नक्षत्र में 07: 14 - 13:41 बजे तक
25 जनवरी 2019 शुक्रवार पंचमी हस्त नक्षत्र में 16: 25 - 31: 14 बजे तक
26 जनवरी 2019 शनिवार षष्ठी हस्त नक्षत्र में 07:13 - 16:19 बजे तक
चित्रा नक्षत्र में 27:35 - 31:12 बजे तक
27 जनवरी 2019 रविवार सप्तमी चित्रा नक्षत्र में 07:12 - 09:28, 11:28 - 14:24 बजे तक
29 जनवरी 2019 मंगलवार नवमी अनुराधा नक्षत्र में 15:14 - 27:02 बजे तक
30 जनवरी 2019 बुधवार दशमी अनुराधा नक्षत्र में 15:38 - 16:40 बजे तक
05 फरवरी 2019 मंगलवार प्रतिपदा धनिष्ठा नक्षत्र में 29:15 - 31:07 बजे तक
06 फरवरी 2019 बुधवार द्वितीया धनिष्ठा नक्षत्र में 07:07 - 09:08 बजे तक
08 फरवरी 2019 शुक्रवार तृतीया उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में 14: 58 - 23:25 बजे तक
09 फरवरी 2019 शनिवार चतुर्थी उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में 12:26 - 17:30 बजे तक
रेवती नक्षत्र में 17:30 - 31:04 बजे तक
10 फरवरी 2019 रविवार पंचमी रेवती नक्षत्र में 07:04 - 18:49 बजे तक
14 फरवरी 2019 गुरुवार नवमी रोहिणी नक्षत्र में 07:01 - 08:33 बजे तक
19 फरवरी 2019 मंगलवार पूर्णिमा मघा नक्षत्र में 14:12 - 30:56 बजे तक
20 फरवरी 2019 बुधवार प्रतिपदा मघा नक्षत्र में 06:56 - 08:00 बजे तक
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में 29:04 - 30:55 बजे तक
21 फरवरी 2019 गुरुवार द्वितीया उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में 06:55 - 23:21 बजे तक
22 फरवरी 2019 शुक्रवार तृतीया चित्रा नक्षत्र में 24:17 - 29:51 बजे तक
3 मार्च 2019 रविवार द्वादशी श्रवण नक्षत्र में 08:59 - 12:29 बजे तक
7 मार्च 2019 गुरुवार प्रतिपदा उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में 23:44 - 30:40 बजे तक
8 मार्च 2019 शुक्रवार द्वितीया उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में 06:40 - 23:16 बजे तक
रेवती नक्षत्र में 23:16 - 30:38 बजे तक
9 मार्च 2019 शनिवार तृतीया रेवती नक्षत्र में 06:38 - 21: 39 बजे तक
अश्विनी नक्षत्र में 26:35 - 30:37 बजे तक
10 मार्च 2019 रविवार चतुर्थी अश्विनी नक्षत्र में 06:37 - 15:38 बजे तक
12 मार्च 2019 मंगलवार षष्ठी रोहिणी नक्षत्र में 28:53- 29 32 बजे तक
15 अप्रैल 2019 सोमवार दशमी मघा नक्षत्र में 07:23 - 14:39 बजे तक
16 अप्रैल 2019 मंगलवार द्वादशी उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में 25:50 - 29:54 बजे तक
17 अप्रैल 2019 बुधवार त्रयोदशी उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में 05:54 - 18:31, 22:07 - 23:35 बजे तक
हस्त नक्षत्र में 23:35 - 29:53 बजे तक
18 अप्रैल 2019 गुरुवार चतुर्दशी हस्त नक्षत्र में 05:53 - 10:29, 15:57 - 19:26 बजे तक
19 अप्रैल 2019 शुक्रवार पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में 06:02 - 11:32, 12:44 - 19:29 बजे तक
स्वाति नक्षत्र में 19:29 - 29:51 बजे तक
20 अप्रैल 2019 शनिवार एकादशी स्वाति नक्षत्र में 05:51 - 17:58 बजे तक
22 अप्रैल 2019 सोमवार तृतीया अनुराधा नक्षत्र में 11:25 - 16:45 बजे तक
26 अप्रैल 2019 शुक्रवार सप्तमी श्रवण नक्षत्र में 23:14 - 29:45 बजे तक
27 अप्रैल 2019 शनिवार अष्टमी श्रवण नक्षत्र में 05:45 - 26:12 बजे तक
धनिष्ठा नक्षत्र में 26:12 - 29:44 बजे तक
28 अप्रैल 2019 रविवार नवमी धनिष्ठा नक्षत्र में 05:44 - 25:42 बजे तक
6 मई 2019 सोमवार द्वितीया रोहिणी नक्षत्र में 16:36 - 25:13, 27:37 - 29:36 बजे तक
7 मई 2019 मंगलवार तृतीया रोहिणी नक्षत्र में 05:36 -16:27 बजे तक
12 मई 2019 रविवार अष्टमी मघा नक्षत्र में 12:43 - 29:32 बजे तक
13 मई 2019 सोमवार नवमी मघा नक्षत्र में 05:32 - 08:16 बजे तक
16 मई 2019 गुरुवार द्वादशी हस्त नक्षत्र में 05:30-05:42 बजे तक
चित्रा नक्षत्र में 05:42-11:55 बजे तक
17 मई 2019 शुक्रवार त्रयोदशी स्वाति नक्षत्र में 17:36-27:07 बजे तक
18 मई 2019 शनिवार पूर्णिमा अनुराधा नक्षत्र में 26:22-26:41 बजे तक
19 मई 2019 रविवार प्रतिपदा अनुराधा नक्षत्र में 05:29-26:07 बजे तक
23 मई 2019 गुरुवार पंचमी उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में 05:27-23:48 बजे तक
24 मई 2019 शुक्रवार षष्ठी श्रवण नक्षत्र में 11:56-17:19 बजे तक
25 मई 2019 शनिवार षष्ठी श्रवण नक्षत्र में 05:26-06:25 बजे तक
धनिष्ठा नक्षत्र में 19:36-20:26 बजे तक
28 मई 2019 मंगलवार नवमी उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में 18:58-26:30 बजे तक
29 मई 2019 बुधवार दशमी उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में 15:21-21:18 बजे तक
रेवती नक्षत्र में 21:18 - 28:04 बजे तक
30 मई 2019 गुरुवार एकादशी रेवती नक्षत्र में 05:24 - 22:15 बजे तक
अश्विनी नक्षत्र में 23:51 - 29:02 बजे तक
31 मई 2019 शुक्रवार द्वादशी अश्विनी नक्षत्र में 05:24 - 17:17 बजे तक
8 जून 2019 शनिवार षष्ठी मघा नक्षत्र में 18:10 - 26:55 बजे तक
9 जून 2019 रविवार सप्तमी मघा नक्षत्र में 05:23 - 14:27, 15:39 - 15:49 बजे तक
10 जून 2019 सोमवार अष्टमी उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में 14:21 - 22:24 बजे तक
11 जून 2019 मंगलवार नवमी उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में 05:23 - 08:46 बजे तक
12 जून 2019 बुधवार दशमी हस्त नक्षत्र में 06:06 - 11:51 बजे तक
चित्रा नक्षत्र में 11:51 - 27:37 बजे तक
16 जून 2019 रविवार चतुर्दशी अनुराधा नक्षत्र में 05:23 - 10:07 बजे तक
25 जून 2019 मंगलवार अष्टमी उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में 05:25 - 29:11 बजे तक
27 जून 2019 गुरुवार नवमी रेवती नक्षत्र में 06:21 - 06:55 बजे तक
अश्विनी नक्षत्र में 08:31 - 18:15 बजे तक
28 जून 2019 शुक्रवार दशमी अश्विनी नक्षत्र में 06:36 - 09:11 बजे तक
6 जुलाई 2019 शनिवार चतुर्थी मघा नक्षत्र में 16:49 - 21:50 बजे तक
7 जुलाई 2019 रविवार पंचमी उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में 20:13 - 28:44 बजे तक
8 जुलाई 2019 सोमवार षष्ठी उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में 05:30 - 15:26 बजे तक
हस्त नक्षत्र में 26:02 - 29:31 बजे तक
9 जुलाई 2019 मंगलवार अष्टमी हस्त नक्षत्र में 16:25 - 17:15 बजे तक
चित्रा नक्षत्र में 17:15 - 29:31 बजे तक
10 जुलाई 2019 बुधवार नवमी चित्रा नक्षत्र में 05:31 - 16:22 बजे तक
स्वाति नक्षत्र में 16:22- 29:31 बजे तक
11 जुलाई 2019 गुरुवार दशमी स्वाति नक्षत्र में 05:31 - 15:55 बजे तक
8 नवंबर 2019 शुक्रवार एकादशी उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में 12:24- 30:39 बजे तक
9 नवंबर 2019 शनिवार द्वादशी उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में 06:39 - 10:14, 11:26 - 14:55 बजे तक
रेवती नक्षत्र में 14:55 - 30:40 बजे तक
10 नवंबर 2019 रविवार त्रयोदशी रेवती नक्षत्र में 06:40 - 16:30 बजे तक
अश्विनी नक्षत्र में 18:06 - 30:41 बजे तक
11 नवंबर 2019 सोमवार चतुर्दशी अश्विनी नक्षत्र में 06:41 - 10:48 बजे तक
13 नवंबर 2019 बुधवार प्रतिपदा रोहिणी नक्षत्र में 22:00 - 30:43 बजे तक
14 नवंबर 2019 गुरुवार द्वितीया रोहिणी नक्षत्र में 06: 43 - 25:11 बजे तक
19 नवंबर 2019 मंगलवार सप्तमी मघा नक्षत्र में 22:10 - 30:48 बजे तक
20 नवंबर 2019 बुधवार अष्टमी मघा नक्षत्र में 06:48 - 19:17 बजे तक
21 नवंबर 2019 गुरुवार नवमी उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में 18:29 - 22:17 बजे तक
22 नवंबर 2019 शुक्रवार दशमी उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में 09:01 - 16:41 बजे तक
हस्त नक्षत्र में 16:41 - 30:50 बजे तक
23 नवंबर 2019 शनिवार द्वादशी हस्त नक्षत्र में 06:50 - 14:44 बजे तक
चित्रा नक्षत्र में 14:44 - 27:43 बजे तक
28 नवंबर 2019 गुरुवार द्वितीया मूल नक्षत्र में 08:22 - 16:18, 18:18 - 30:55 बजे तक
29 नवंबर 2019 शुक्रवार तृतीया मूल नक्षत्र में 06:55 - 07:33 बजे तक
30 नवंबर 2019 शनिवार चतुर्थी उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में 18:05 - 23:14 बजे तक
1 दिसंबर 2019 रविवार पंचमी श्रवण नक्षत्र में 11:29 - 30:57 बजे तक
2 दिसंबर 2019 सोमवार षष्ठी श्रवण नक्षत्र में 06: 57 - 11:43 बजे तक
धनिष्ठा नक्षत्र में 11:4 3 - 13:37, 17:13 - 30:58 बजे तक
3 दिसंबर 2019 मंगलवार सप्तमी धनिष्ठा नक्षत्र में 06:58 - 14:16 बजे तक
7 दिसंबर 2019 शनिवार एकादशी रेवती नक्षत्र में 17:03 - 19:35 बजे तक
8 दिसंबर 2019 रविवार एकादशी अश्विनी नक्षत्र में 08:29 - 17:15 बजे तक
10 दिसंबर 2019 मंगलवार त्रयोदशी रोहिणी नक्षत्र में 29:57 - 31:04 बजे तक
11 दिसंबर 2019 बुधवार चतुर्दशी रोहिणी नक्षत्र में 07:04 - 10:59, 22:54 - 31:04 बजे तक
12 दिसंबर 2019 गुरुवार पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र में 07:04 - 30:18 बजे तक

विवाह मुहूर्त संस्कार

हिन्दू धर्मशास्त्र में विवाह को एक पवित्र बंधन और मांगलिक कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है। विवाह बंधन के द्वारा नवविवाहित जोड़े अपने नए जीवन की शुरुआत करते हैं। ये बंधन ना केवल दो आत्माओं का मेल है बल्कि ये दो परिवारों का भी मेल होता है। हमारे समाज में विवाह एक ऐसा बंधन है जिसमें हर व्यक्ति बंधना चाहता है और विवाह के बाद एक खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना हर किसी की होती है।

अब जैसा की आप सभी जानते हैं कि विवाह को सात जन्मों का बंधन माना जाता है इसलिए विवाह का एक सही मुहूर्त में होना बेहद महत्वपूर्ण है। चूँकि विवाह दो व्यक्ति और दो परिवारों का मेल होता है इसलिए शादी के बाद एक खुशहाल जीवन की कामना हर व्यक्ति की होती है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी का शुभ मुहूर्त में होना बेहद आवश्यक माना जाता है। यही वजह है कि शादी से पहले, होने वाले वर और वधु दोनों की कुंडली मिलान की जाती है और उसके बाद निकाले गए शुभ मुहूर्त में ही शादी समारोह को संपन्न किया जाता है। विवाह जिस मुहूर्त में तय किया जाता है उसे ही विवाह का शुभ मुहूर्त कहा जाता है।

कैसे की जाती है विवाह मुहूर्त की गणना ?

  • अन्य मुहूर्तों की तरह पंचांग की मदद से ही विवाह मुहूर्त की भी गणना की जाती है।
  • पंचांग में मुख्य रूप से तिथि, दिन, नक्षत्र, योग और करण आदि के आधारों पर ही विवाह मुहूर्त भी तय किया जाता है।
  • अन्य मुहूर्तों की ही तरह विवाह मुहूर्त में भी दो लोगों के कुंडली मिलान के बाद ही विवाह का शुभ मुहूर्त निकाला जाता है।
  • विवाह मुहूर्त की गणना करते समय ये बात ख़ास रूप से ध्यान में रखी जाती है कि दो लोगों के कुंडली मिलान के फलस्वरूप सामने आने वालों दोषों को किसी भी हाल में नजर अंदाज ना किया जाए।
  • विवाह तिथि का निर्धारण करते वक़्त विशेष रूप से ग्रहों की स्थिति का ख़ास ध्यान रखा जाता है।
  • भावी वर वधु के जन्म कुंडली में अंकित ख़ास चीजों का विवाह गणना के वक़्त ख़ास ख्याल रखा जाता है।

विवाह मुहूर्त चक्र 2019

नक्षत्र मूल, अनुराधा, मृगशिरा, रेवती, हस्त, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़, उत्तराभाद्रपद, स्वाति, मघा, रोहिणी
माह ज्येष्ठ, माघ, फाल्गुन, वैशाख, मार्गशीर्ष, आषाढ़
गृह विचार विवाह में कन्या के लिए गुरुबल, वर के लिए सूर्यबल और दोनों के लिए चंद्रबल का विचार शुभ माना गया है।
गुरुबल विचार जहाँ बृहस्पति कन्या की राशि से नवम, पंचम, एकादश, द्वितीया और सप्तम राशि में होना शुभ होता है। वहीं दशम, तृतीय, षष्ठ और प्रथम राशि में दान देने से शुभ और चतुर्थ, अष्टम, द्वादश राशि में होना अशुभ होता है।
सूर्यबल विचार सूर्य की स्थिति वर की राशि से तृतीय, षष्ठ, दशम, एकादश राशि में शुभ होती है। लेकिन चतुर्थ, अष्टम, द्वादश राशि में अशुभ होता है।
चंद्रबल विचार चंद्रमा, वर और कन्या की राशि में तीसरा, छठा, सातवां, दसवां, ग्यारहवां शुभ होता है। पहला, दूसरा, पांचवां, नौवां, दान देने से शुभ और चौथा, आठवां, बारहवां अशुभ होता है।
शुभ लग्न तुला, मिथुन, कन्या, वृष और धनु लग्न शुभ है। इसके अलावा अन्य मध्यम होते हैं।
लग्न शुद्धि लग्न से बारहवें शनि, दसवें मंगल, तीसरे शुक्र, लग्न में चंद्रमा और क्रूर ग्रह अच्छे नहीं होते। लग्नेश, शुक्र, चंद्रमा, छठे और आठवें में शुभ नहीं होते। लग्नेश और सौम्य ग्रह आठवें में अच्छे नहीं होते और सातवें में कोई भी ग्रह शुभ नहीं होता है।

जानें क्या है विवाह मुहूर्त 2019 का ज्योतिषीय महत्व

चूँकि हमारे समाज में विवाह को सबसे पवित्र संस्था के रूप में माना जाता है इसलिए खासकर के विवाह मुहूर्त की गणना करते वक़्त इस बात का ख़ास ख्याल रखा जाता है कि इस दौरान किसी प्रकार की कोई त्रुटि ना रह जाए। इसलिए विवाह मुहूर्त की गणना करते वक़्त खासतौर से ज्योतिषीय आकड़ों, ग्रहों की दशा और विशेष रूप से हिन्दू विवाह कानून को ध्यान में रखा जाता है। यहाँ हम आपको विवाह मुहूर्त से सम्बंधित कुछ विशेष ज्योतिषीय तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पढ़ने के बाद आप निश्चित रूप से विवाह मुहूर्त के ज्योतिषीय महत्व को विस्तार से जान पाएंगे।

  • भावी वर वधु के कुंडली का मिलान हिन्दू परम्पराओं के अनुसार ही किया जाना चाहिए।
  • कुंडली मिलान करते वक़्त इस बात का ख़ास ख्याल रखा जाना चाहिए कि वर वधु की जन्म राशि के अनुसार उनके अष्टम लग्न में विवाह लग्न अंकित ना हो।
  • साथ ही इस बात का भी ख़ास ध्यान रखें की विवाह लग्न से बारहवें भाव में शनि और दशवें भाव में मंगल विराजमान हों।
  • हमेशा अष्ठम भाव का स्वामी विवाह लग्न में स्थित होना चाहिए।
  • इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि विवाह लग्न पूरी तरह से कर्तरी दोष मुक्त हो यानि की इसके द्वितीय और बारहवें भाव में कोई भी पापी ग्रह स्थित ना हो।
  • इसके अलावा विवाह लग्न में चंद्र और शुक्र छठे और मंगल हमेशा दशवें भाव में स्थित होना चहिये।
  • गौरतलब है की विवाह लग्न से सप्तम भाव में कोई ग्रह स्थित नहीं होना चाहिए।

हमें उम्मीद है कि इस लेख के जरिये विवाह मुहूर्त 2019 की दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। हिंदी कुंडली की तरफ से आपको ढेरों शुभकामनाएं !