Masik Kanya Rashifal - कन्या मासिक राशिफल

Virgo Rashifal

स्वास्थ्य: यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बेहद कमजोर रहने की संभावना है। आपको अपने स्वास्थ्य पर पूरी तरह से ध्यान देना पड़ेगा। राशि स्वामी बुध अस्त अवस्था में महीने की शुरुआत में आपकी ही राशि में विराजमान रहेंगे। उनके साथ सूर्य और केतु भी होंगे तथा राहु सप्तम भाव में विराजमान होंगे शनि महाराज अपनी ही राशि कुंभ से होकर छठे भाव में वक्री अवस्था में रहेंगे तो देवगुरु बृहस्पति महाराज नवम भाव में बैठकर प्रथम भाव को देखेंगे और मंगल दशम भाव से प्रथम भाव पर दृष्टि डालेंगे। इस महीने आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण आप आसानी से किसी भी रोग की चपेट में आ सकते हैं, इसलिए अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति सचेत रहें आपको किसी प्रकार का पेट या अन्य प्रकार का संक्रमण परेशान कर सकता है। इसके अतिरिक्त मानसिक तनाव से भी आपको जूझना पड़ सकता है। महीने का पूर्वार्ध ज्यादा कमजोर है। महीने के उत्तरार्ध में अपेक्षाकृत धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार आना शुरू हो जाएगा। आपको यदि कोई बड़ी समस्या महसूस हो रही है तो तत्काल प्रभाव से चिकित्सा की देखरेख में अपना उपचार कारण ताकि आप स्वस्थ हो सकें।

कैरियर: करियर के दृष्टिकोण से यह महीना अनुकूल रहने की संभावना है। दशम भाव में मंगल महाराज महीने की शुरुआत में रहेंगे और दशम भाव के स्वामी बुध महाराज आपके प्रथम भाव में अपनी उच्च राशि कन्या में सूर्य और केतु के साथ स्थित रहेंगे। उनके ऊपर देवगुरु बृहस्पति की भी पूर्ण दृष्टि रहेगी। इससे आप अपनी नौकरी में अपनी सूझबूझ का परिचय देंगे। आपके हाजिर जवाब और आपकी काम के प्रति कुशलता आपको सबसे आगे रखेगी। जिससे कार्यक्षेत्र में अच्छे सफलता के योग बन सकते हैं। छठे भाव के स्वामी शनि महाराज छठे ही भाव में विराजमान रहेंगे लेकिन वक्री अवस्था में होने से आपको नौकरी में कठिन मेहनत करनी होगी। आपके ऊपर काम का दबाव भी होगा, लेकिन आप किसी भी चीज से घबराएंगे नहीं और अपना शत प्रतिशत योगदान देने में कामयाब रहेंगे। आपके सहकर्मियों का विशेष सहयोग आपको मिलेगा। जिससे आप कार्यक्षेत्र में अच्छी स्थिति प्राप्त करने में कामयाब रहेंगे। उसके बाद मंगल आपके एक आदर्श भाव में 20 अक्टूबर को चले जाएंगे जिससे आपको और बेहतर परिणाम की प्राप्ति होगी। बुध महाराज 10 अक्टूबर से आपके दूसरे भाव में जाएंगे जो आपको नौकरी में अच्छी आमदनी भी प्रदान करेगा। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीना ठीक-ठाक रहने की संभावना है। आप अपनी सूझबूझ और तेज बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए व्यापार में कुछ नई तेजी लेकर आएंगे। कुछ नए लोगों से आपके नए संपर्क स्थापित होंगे और आपको इससे लाभ मिलेगा। व्यावसायिक साझेदार से अगर अच्छे संबंध बनाकर रखेंगे तो इससे आपको अत्यधिक लाभ होगा। महीने की शुरुआत में सूर्य बुध और केतु प्रथम भाव में बैठकर सप्तम भाव को देखेंगे। जिससे व्यापार में कुछ शिथिलता भी आ सकती है इसलिए कुछ चुनौतियों के लिए आपको तैयार रहना होगा लेकिन महीने का उत्तरार्ध अनुकूल रहेगा जिससे व्यापार में प्रगति होगी।

प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो यह महीना कुछ कठिन रहेगा। मंगल महाराज महीने की शुरुआत में दशम भाव में बैठकर आपके पंचम भाव को अष्टम दृष्टि से देखकर प्रेम भाव को कमजोर कर सकते हैं। पंचम भाव के स्वामी वक्री शनि छठे भाव में रहेंगे, जो प्रेम के मामले में आपको कठिन चुनौतियां में घेर कर रखेंगे। आपको बार-बार परीक्षा से गुजरना होगा और अपने आप को साबित करना होगा। हालांकि देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि नवम भाव से पंचम भाव पर होने के कारण आप अपनी जिम्मेदारियां को भी निभाएंगे और अपने रिश्ते को भी बराबर महत्व देते जाएंगे। जिससे आपका प्रेम जीवन अच्छा चलेगा। लेकिन 9 अक्टूबर से बृहस्पति वक्री हो जाएंगे और मंगल भी 20 अक्टूबर से कर्क राशि में यानी कि अपनी नीच राशि में एकादश भाव में जाकर आपके पंचम भाव को देखेंगे जो आपके रिश्ते के लिए अच्छा नहीं होगा इसलिए आपको सावधानी बरतनी होगी। वह आपके पंचमेश शनि महाराज से सदाश्ताक योग का निर्माण होगा जो आपके प्रेम संबंधों के लिए अनुकूल साबित न होने की संभावना है इसलिए किसी भी वाद विवाद को बढ़ाने से पहले ही आपको संभलने की कोशिश करनी होगी। ताकि आपका प्रेम जीवन ठीक-ठाक चलता रहे। विवाहित जातकों की बात करें तो राहु महाराज पूरे महीने सप्तम भाव में विराजमान रहेंगे और सप्तम भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज नवम भाव में रहेंगे। जिससे जीवनसाथी से अच्छा समन्वय रहेगा। आप अपने जीवन साथी के साथ कहीं ना कहीं घूमने या किसी तीर्थ स्थान की यात्रा पर जा सकते हैं। सूर्य बुध और केतु प्रथम भाव में बैठे रहेंगे महीने की शुरुआत में आपका वैवाहिक जीवन को परेशानियों में डाल सकते हैं। उसके बाद महीने का उत्तरार्ध अपेक्षाकृत अनुकूल रहेगा और तब इन समस्याओं में कमी आएगी जिससे आप राहत की सांस लेंगे।

सलाह: आपको अपने राशि स्वामी बुध महाराज के विशेष रत्न पन्ना रत्न को अपनी कनिष्ठिका अंगुली में बुधवार के दिन धारण करना चाहिए। आपको प्रतिदिन भगवान श्री हरि विष्णु जी की उपासना करनी चाहिए। आपको शुक्र ग्रह के बीज मंत्र का जाप करना भी अत्यंत लाभदायक साबित होगा। छोटी कन्याओं के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लें और उन्हें भेंट स्वरूप कुछ न कुछ अवश्य दें।

सामान्य: कन्या राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि इस महीने आपकी सेहत कमजोर रह सकती है और आप बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी होने के संकेत मिलते हैं। जिससे आप किसी भी संक्रमण की चपेट में आसानी से आ सकते हैं इसलिए इस पूरे ही महीने अपने स्वास्थ्य का बेहतर तरीके से ध्यान रखें। जहां तक करियर के मामले की बात है तो नौकरी में उतार-चढ़ाव की स्थिति आएगी। फिर भी आप अच्छी स्थिति में रहेंगे व्यापार करने वाले जातकों को तेज बुद्धि का लाभ मिलेगा। अपने व्यावसायिक साझेदार से अच्छे संबंधों के कारण आपके व्यापार में उन्नति होगी, लेकिन कई ऐसी चुनौतियां आपके सामने आएंगे जो व्यापार की गति को शिथिल कर सकती हैं इसलिए सावधानी से आगे बढ़े। पारिवारिक जीवन में अच्छी स्थिति रहने की संभावना है। प्रेम संबंधों के लिए समय ठीक-ठाक रहेगा, जबकि वैवाहिक जीवन में तनाव और टकराव की स्थिति बनती बिगड़ती रहेगी। आर्थिक रूप से महीना ठीक-ठाक रहने की संभावना है, जबकि विद्यार्थियों को कठिन चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। आप पढ़ाई के लिए विदेश जाने में कामयाब हो सकते हैं।

वित्त: यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना बहुत हद तक आपको अच्छे परिणाम प्रदान कर सकता है, लेकिन शनि महाराज छठे भाव में वक्री अवस्था में बैठकर द्वादश भाव को देखेंगे जो आपकी आर्थिक चुनौतियों का कारण बन सकते हैं और आपके किसी न किसी खर्च को लगातार बनाए रखेंगे। इस महीने आपको किसी के स्वास्थ्य पर भी खर्च करना पड़ सकता है या आप खुद भी बीमार हो सकते हैं इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य पर भी खर्च करना पड़ सकता है। मंगल महाराज महीने की शुरुआत में दशम भाव में रहेंगे और 20 अक्टूबर से आपका एक आदर्श भाव में आकर आपकी आर्थिक आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी दिखा रहे हैं। शुक्र महाराज महीने की शुरुआत में दूसरे भाव के स्वामी होकर दूसरे भाव में विराजमान रहकर आपके बैंक बैलेंस में वृद्धि करेंगे और धन को संचित करने में मदद करेंगे। जिससे आपकी आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन बढ़िया होती जाएगी। उसके बाद सूर्य और बुध महीने के उत्तरार्ध में आपके दूसरे भाव में रहेंगे। यह भी आपकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में आपकी मदद करेंगे। देवगुरु बृहस्पति नवम भाव में बैठकर प्रथम भाव को देखेंगे और आपको सही निर्णय लेकर आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने में मदद करेंगे। आपको बस इस महीने बेहतर तरीके से अपने धंधे को संभालने पर ध्यान देना होगा आपकी आर्थिक स्थिति स्वतः ही दुरुस्त हो जाएगी।

पारिवारिक: यह महीना पारिवारिक तौर पर आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है। फिर भी आपको कुछ अच्छे पल व्यतीत करने को प्राप्त होंगे और घर का माहौल अच्छा भी रहेगा क्योंकि दूसरे भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने की शुरुआत में दूसरे भाव में ही विराजमान रहेंगे। जो कुटुंब के सदस्यों में आपस में प्रेम भाव बढ़ाएंगे। आपके परिवार में कोई बड़ा फंक्शन या शादी विवाह का कार्यक्रम संपन्न हो सकता है। या किसी का जन्मदिन भी मनाया जा सकता है। चौथे भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति नवम भाव में विराजमान रहेंगे, जो 9 अक्टूबर से वक्री भी हो जाएंगे और मंगल की दृष्टि दशम भाव से आपके चौथे भाव पर रहेगी। इससे पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव की स्थितियां तो रहेगी लेकिन फिर भी एक डोर में आप सभी बंदे रहेंगे, जो पारिवारिक जीवन को मजबूत बनाएगी। 10 अक्टूबर से बुध और 17 अक्टूबर से सूर्य तुला राशि में दूसरे भाव में आ जाएंगे तो शुक्र 13 अक्टूबर को वृश्चिक राशि में तीसरे भाव में चले जाएंगे। इससे भी परिवार की साख में वृद्धि होगी। परिवार को समझ में विशेष स्थान मिलेगा और आपको भी खुशी मिलेगी। भाई-बहनों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा और उन्हें प्रगति करने का मौका मिलेगा। वह अपने जीवन में आगे बढ़ेंगे और उनसे भी आपको लाभ होगा पर और आपसे भी उन्हें लाभ होगा जिससे आपका आपसी सामंजस्य और बेहतर हो जाएगा और आप पारिवारिक जीवन का बेहतर तरीके से लुत्फ उठा पाएंगे।