Masik Kanya Rashifal - कन्या मासिक राशिफल

Virgo Rashifal

स्वास्थ्य: सेहत के लिहाज से देखा जाए तो नौवें भाव में देव गुरु बृहस्पति की प्रतिकूल स्थिति के कारण आपको सिरदर्द और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी समस्याएं घेर सकती हैं। आठवें भाव में राहु और दूसरे भाव में केतु के होने की वजह से आपको आँखों से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। जब बृहस्पति महाराज आठवें भाव में होंगे, तब आपके शरीर में ट्यूमर बनने की संभावना बढ़ेगी। साथ ही मोटापे की शिकायत भी हो सकती है, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपने खानपान के प्रति विशेष सावधानी बरतें, रोज़ व्यायाम करें और ख़ुद का ख़्याल रखें। इस महीने शनि देव छठे भाव में विराजमान हैं। इनकी कृपा से कोई भी गंभीर समस्या नहीं होगी। अच्छी बात यह है कि इस महीने आपकी इम्यूनिटी पॉवर मजबूत रहेगी, जिसके कारण आप हर बीमारी से लड़ने में सक्षम होंगे।

कैरियर: करियर के लिहाज से देखा जाए तो आठवें भाव में बृहस्पति की स्थिति करियर में कुछ समस्याओं का कारण बन सकती है लेकिन बारहवें भाव में शुक्र की स्थिति आपको थोड़ी राहत पहुंचाएगी। छठे भाव में शनि के होने से आप अपने काम में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे लेकिन आपको मेहनत करने की आवश्यकता होगी। आठवें भाव में बृहस्पति की मौजूदगी के चलते इस महीने आपको अपने वरिष्ठों और सहकर्मियों से चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है। इसके अलावा इस दौरान वरिष्ठों से आपकी बहस या अनबन हो सकती है क्योंकि आठवें भाव में राहु और दूसरे भाव में केतु स्थित है। 3 अक्टूबर 2023 से मंगल दूसरे भाव में स्थित होंगे, जिसके परिणामस्वरूप करियर में बाधाएं आने की आशंका है। जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें औसत लाभ प्राप्ति होने की संभावना बन रही है क्योंकि शनि छठे भाव में वक्री अवस्था में विराजमान हैं। दूसरी ओर, दूसरे भाव में मंगल की स्थिति के कारण व्यवसाय के विस्तार की गुंज़ाइश भी कम है यानी कि यदि आप अपने व्यवसाय का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं तो हो सकता है कि वह इस महीने न हो पाए।

प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात की जाए तो यह महीना आपके लिए औसत रूप से फलदायी सिद्ध होगा। राहु-केतु क्रमशः आठवें और दूसरे भाव में हैं। आठवें भाव में ही देव गुरु बृहस्पति विराजमान हैं। इसके कारण जो जातक रिलेशनशिप में हैं, उन्हें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रेम के कारक शुक्र देव चंद्र राशि से बारहवें भाव में स्थित होकर, रिलेशनशिप में ऐसी समस्याओं को जन्म दे सकते हैं, जिनके कारण रिश्ता ख़त्म होने तक की नौबत आ सकती है। ऐसे में यदि आप शादी करने की योजना बना रहे हैं तो आपको सलाह दी जाती है कि इस माह के दौरान शादी करने का प्लान स्थगित कर दें। दूसरी ओर, जो लोग वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं या यूं कहें कि शादीशुदा हैं, उन्हें भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। शनि देव पांचवें भाव के स्वामी के रूप में छठे भाव में विराजमान हैं। इसके कारण रिश्ते में नोक-झोंक जैसी समस्याएं उत्पन्न होने की आशंका है। जो जातक सिंगल हैं, उन्हें थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ सकता है क्योंकि इस महीने सितारे आपके पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में हो सकता है कि आपको अपना पार्टनर न मिले।

सलाह: प्रतिदिन 41 बार “ॐ राहवे नमः” का जाप करें। प्रतिदिन 41 बार “ॐ केतवे नमः” का जाप करें। प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

सामान्य: वैदिक के अनुसार, कन्या राशि को राशि चक्र में छठे स्थान पर रखा गया है, जिसका स्वामित्व बुध ग्रह को प्राप्त है। इस राशि में जन्मे जातक काफ़ी तेज़ और चतुर होते हैं। इनकी तार्किक क्षमता प्रबल होती है। व्यापार में ये लोग बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं। साथ ही मल्टीटास्किंग होते हैं। अक्टूबर मासिक राशिफल 2023 के अनुसार, इस महीने कन्या राशि के जातकों को सफलता प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता होगी क्योंकि शनि देव पांचवें और छठे भाव के स्वामी के रूप में छठे भाव में विराजमान हैं। 3 अक्टूबर 2023 को तीसरे और आठवें भाव के स्वामी मंगल दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे। राहु-केतु दूसरे और आठवें भाव में होंगे। छठे भाव में वक्री अवस्था में शनि की उपस्थिति के कारण करियर में आपको लगातार प्रयासरत रहना होगा क्योंकि आप अपने कार्यों में पिछड़ सकते हैं। आठवें भाव में बृहस्पति-राहु स्थित होने की वजह से आपको अपने आर्थिक जीवन और स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता होगी। ऐसी स्थिति में यदि आप कुछ नया आजमाने की योजना बना रहे हैं तो फिलहाल के लिए अपनी योजना स्थगित कर दें क्योंकि ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं है। कुल मिलाकर देखा जाए तो करियर में आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इस महीने नौवें भाव में बृहस्पति की स्थिति आपका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर बढ़ा सकती है। इसके अलावा विरासत के माध्यम से आर्थिक लाभ होने के योग बनेंगे। 18 अक्टूबर 2023 से सूर्य देव अपनी नीच राशि में दूसरे भाव में स्थित होंगे, जिसके प्रभावस्वरूप पारिवारिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। आइए विस्तारपूर्वक जानते हैं कि अक्टूबर का यह महीना आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए कैसा रहने वाला है और आपको किस-किस प्रकार के बदलावों का सामना करना पड़ सकता है।

वित्त: आर्थिक रूप से देखें तो आठवें भाव में बृहस्पति-राहु की उपस्थिती के कारण आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है। 2 अक्टूबर 2023 से शुक्र देव बारहवें भाव में बैठे होंगे, जिसके कारण इस महीने आर्थिक नुकसान होने की आशंका है। ऐसे में अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आप कर्ज़ लेने पर मजबूर हो सकते हैं। इससे एक बात तो साफ़ है कि आप धन की बचत नहीं कर पाएंगे। यदि आप कोई निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो इस महीने कोई भी निवेश न करने की सलाह दी जाती है। बृहस्पति की प्रतिकूल स्थिति के कारण आपकी जरूरतें भी बढ़ सकती हैं, जिसके कारण आप थोड़ा परेशान नज़र आएंगे। हालांकि छठे भाव में शनि देव की अनुकूल स्थिति के कारण आपको अपनी मेहनत का सकारात्मक फल ज़रूर प्राप्त होगा यानी कि आप जो प्रयास करेंगे, उसके अनुसार धन लाभ होने के योग बनेंगे। यदि आप लोन लेने के लिए प्रयास करेंगे तो प्रबल संभावना है कि आपका लोन पास हो जाएगा। इस महीने आय के प्रवाह में बाधाएं आ सकती हैं चूंकि दूसरे भाव में केतु महाराज बैठे हुए हैं। ऐसे में पैसा कमाना और पैसा बचाना दोनों ही आपके लिए थोड़ा मुश्किल साबित होगा। जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें मार्केट में प्रतिद्वंदीयों से कड़ी टक्कर मिल सकती है। ऐसी स्थिति में अपेक्षित लाभ अर्जित कर पाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

पारिवारिक: पारिवारिक जीवन की बात करें तो इस महीने आपको अपने परिवार में कुछ समस्याएं देखने को मिल सकती हैं क्योंकि बृहस्पति चौथे भाव के स्वामी के रूप में आठवें भाव में स्थित हैं। आशंका है कि किसी बात पर परिवार में कलह हो सकती है क्योंकि चौथे भाव के स्वामी बृहस्पति आठवें भाव में राहु के साथ युति कर रहे हैं। शनि देव छठे भाव में हैं और आठवें भाव में स्थित बृहस्पति पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद और ग़लतफ़हमियां पैदा होने की आशंका है। 3 अक्टूबर 2023 से मंगल आठवें भाव के स्वामी के रूप में दूसरे भाव में स्थित होंगे, जिसके प्रभावस्वरूप परिवार में तर्क-वितर्क, बहस, वाद-विवाद संभव हो सकते हैं। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि धैर्य से काम लें और फ़ालतू की बहसबाजी करने से बचें।